Tokyo Paralympics 2020: डिस्कस थ्रो में विनोद कुमार ने कांस्य पदक जीता

Tokyo Paralympics 2020: डिस्कस थ्रो प्लेयर विनोद कुमार ने रविवार को पुरुषों की F52 स्पर्धा में एशिया में रिकॉर्ड बनाते हुए कांस्य पदक जीतकर भारत को टोक्यो पैरालिंपिक में तीसरा पदक दिलाया।

Vinod Kumar Paralympics में 19.91 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ एशियाई रिकॉर्ड तोड़ा और पोलैंड के पिओटर कोसेविक्ज़विन के बाद तीसरे स्थान पर रहे और डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक जीता। 2016 के रियो खेलों में भारत ने चार पदक जीते थे और इस बार भारत तीन पदकों के साथ, पैरालिंपिक में अपनी अब तक की सर्वश्रेष्ठ तालिका की बराबरी करने से बस एक पदक की दुरी पर है।

ट्विटर के भारतीय ऑफिसियल Tokyo2020 for India पेज से डिस्कस थ्रो प्लेयर विनोद कुमार को मिली बधाई व शुभकामनायें

डिस्कस थ्रो खिलाडी विनोद कुमार जी का जीवन परिचय

डिस्कस थ्रो प्लेयर विनोद कुमार जो 41 वर्षीय बीएसएफ जवान हैं, उनके पिता जी ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में लड़ाई लड़ी थी, उन्होंने Paralympics 2021 India डिस्कस थ्रो में 19.91 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो करके पोलैंड के पिओटर कोसेविक्ज़ (20.02 मीटर) और क्रोएशिया के वेलिमिर सैंडोर (19.98 मीटर) के बाद तीसरा स्थान हासिल किया।

Vinod Kumar

उन्हें प्रशिक्षण के दौरान एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का सामना करना पड़ा जिस कारण वे एक दशक से अधिक समय तक लकवाग्रस्त रहे और लम्बे समय तक बिस्तर पर पड़े रहे। विनोद जी ने अपने असली भाग्य पैरा-स्पोर्ट्स में आजमाया, पैरा-स्पोर्ट्स में आने से पहले उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया था। रियो 2016 में भारतीय पैरालिंपियनों से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने पैरा-स्पोर्ट्स में भाग लेने का फैसला किया और अपना प्रशिक्षण शुरू कर दिया।

क्या होता है डिस्कस? इसका वजन कितना होता है और इसे कैसे फेंका जाता है?

  • डिस्कस का वजन पुरुषों के लिए 2 किलो और महिलाओं के लिए 1 किलो तय किया गया है। धातु की डिस्क को मूल रूप से एक एथलीट द्वारा 2.5 मीटर व्यास वाले एक वृत्त के अंदर खड़े होकर फेंका जाता है।
  • गौरतलब है कि डिस्कस फेंकने वालों को सर्कल के रिम के शीर्ष को छूने की अनुमति नहीं होती है, लेकिन इसके अंदर के किनारों को छू सकते हैं। एथलीटों को सर्कल से परे जमीन को छूने की भी मनाही है। अगर एथलीट डिस्क के जमीन पर गिरने से पहले सर्कल को पार कर लेता है, तो इसे फाउल थ्रो माना जाता है।
  • डिस्क को फेंकने के लिए एक विशेष सीमा रेखा भी चिह्नित है और यदि इससे आगे की जगह पर डिस्क को फेंकना अमान्य माना जाता है। प्रत्येक एथलीट को अपना सर्वश्रेष्ठ संभव थ्रो चिह्नित करने के लिए ओलंपिक में आठ प्रयास दिए जाते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी जी नें दी बधाई

इस सन्दर्भ में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी नें भी विनोद कुमार जी को ट्विटर के जरिये बधाई दी है। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा की ” विनोद कुमार के शानदार प्रदर्शन के लिए पूरा भारत उन्हें हर्ष के साथ धन्यवाद देता है, उन्हें कांस्य पदक के लिए बधाई। यह पदक उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का उत्कृष्ट परिणाम है।

Nishad Kumar ने भी Paralympics में जीता रजत

टोक्यो पैरालिंपिक में भारत का यह तीसरा पदक है, जिसमें से तीनों रविवार को जीते गए, आज ही के दिन भारत का राष्ट्रीय खेल दिवस भी है। इससे पहले भारत की टेबल टेनिस स्टार भावना पटेल ने पैरालिंपिक में देश का खाता खोला और महिला टेबल टेनिस फाइनल में उन्होंने रजत पदक हासिल किया। उनके बाद, हाई जम्पर निषाद कुमार ने भी अपने-अपने वर्ग के फाइनल इवेंट में रजत पदक जीता।

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