क्या आप भी खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीते हैं? यदि हां तो सचेत हो जाइए क्योंकि भोजन करने के तुरंत बाद पानी पीना आपके लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। हमारा पूरा शरीर लगभग 70% जल से बना हुआ है परंतु यदि आप जल का प्रयोग ठीक तरह से ना करें तो यह आपके लिए बेहद घातक सिद्ध हो सकता है। आइए जानते हैं कि पानी कब कब और कैसे कैसे पीना चाहिए। पानी पीने का उचित तरीका क्या है?
क्या खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना चाहिए?
तो एक शब्द में इसका उत्तर है नहीं, आपको भोजन करने के पश्चात पानी नहीं पीना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि जब भी हम भोजन करते हैं तो भोजन करने के पश्चात हमारे पेट में कुछ केमिकल्स हमारे भोजन को तोड़ने व पचाने का काम करते हैं। यह एसिडिक केमिकल्स होते हैं कई मामलों में यह इतने खतरनाक होते हैं कि यदि आप भोजन पचाने वाले एसिड को लोहे पर गिरा दे तो लोहा पिघल जाएगा। इसी तरह से यह हमारे शरीर के भोजन को भी पचाने में सहायक होता है।

परंतु आप सोच रहे होंगे कि जो एसिड लोहे को पिघला सकता है वह हमारे पेट को क्यों नहीं नुकसान पहुंचाता है? तो ऐसा इसलिए है कि यह एसिड हमारे पाचन क्रिया में बहुत ही कम मात्रा में बनता है, जिससे हमारे पेट व पाचन तंत्र को कोई भी नुकसान नहीं होता है। ऐसे में जब हम भोजन करने के पश्चात पानी पी लेते हैं तो वह एसिड हमारे पेट में पाचन क्रिया को ठीक से सक्रिय करने में असफल हो जाते हैं। जिसके कारण हमारे शरीर को और अधिक मात्रा में एसिड बनाना पड़ता है, जिसके फलस्वरूप हमें कभी-कभी एसिडिटी भी हो जाती है। अधिकांश समय हमें यह पता ही नहीं लगता कि हमें एसिडिटी की समस्या है।
एसिडिटी से हमें क्या क्या नुकसान होते हैं?
शुरुआत में एसिडिटी के लक्षण सामान्य होते हैं परंतु धीरे-धीरे यह हमारे पाचन तंत्र को कमजोर करता रहता है। शुरुआत में हमें एसिडिटी के लक्षण का पता नहीं चलता है। लेकिन इस के सामान्य लक्षण है खट्टी डकार आना, पेट में गैस होना, कभी-कभी पेट साफ ना होना और हमेशा पेट में भारीपन रहना। यह सभी एसिडिटी के कुछ सामान्य लक्षण है।
प्रारंभ में हम इन लक्षणों को नजरअंदाज करते रहते हैं, परंतु यही जब हमारे लिए भारी समस्या का कारण बन जाती है उस समय हम काफी परेशान हो जाते हैं। आपको इन परेशानियों का सामना न करना हो इसलिए पानी पीने के सही तरीके के बारे में आपको पता होना चाहिए।
क्या है पानी पीने का सही तरीका
सही तरीके से पानी पीना बहुत ही आसान प्रक्रिया है, इसमें पानी पीते समय आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा।

सर्वप्रथम कभी भी खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए। पानी हमेशा विश्राम पूर्वक बैठकर धीरे-धीरे घुट घुट करके पानी पीना चाहिए। हम में से कई लोग एक बार में ही बोतल से पानी पी जाते हैं, परंतु हमें ऐसा नहीं करना चाहिए।
पानी पीने के लिए सही बर्तन का चुनाव अवश्य करें। बोतल में भी पानी पीना उचित नहीं है। बोतल से पानी पीते समय हमें आसानी से पानी पीने में समस्या होती है, इसलिए हमेशा गिलास जैसी बर्तन का उपयोग करना चाहिए। अथवा बोतल में मुंह लगाकर ही पानी पीना चाहिए, इससे आपको पानी पीने में आसानी होगी बल्कि आप बहुत सुगमता के साथ पानी पी सकते हैं।
भोजन करने के तुरंत पश्चात कभी पानी नहीं पीना चाहिए। बल्कि आप भोजन करने से लगभग 45 मिनट पूर्व पानी पी सकते हैं व भोजन करने के पश्चात लगभग 45 मिनट बाद ही पानी पीना चाहिए। परंतु यदि आप को भोजन करते समय बहुत तेज से प्यास लग जाए तो उस समय आप एक या दो घूंट पानी पी सकते हैं एवं भोजन करने के तुरंत बाद यदि प्यास लगे तो उस समय भी आप थोड़ा पानी पी सकते हैं। परंतु पानी पीते समय यह अवश्य ध्यान रखें कि पानी केवल आपके गले को गिला करने के लिए होना चाहिए ना की यह आपके पेट तक पहुंचे।
पानी पीने के लिए आपको तांबे का बर्तन प्रयोग करना चाहिए, इससे आपको नई ऊर्जा मिलती है और आप स्वस्थ भी रहते हैं। इसके अलावा आप शीशे का गिलास भी प्रयोग कर सकते हैं। शीशे का गिलास साफ करने में काफी सुगम होता है और इसमें कीटाणु भी आसानी से समाप्त हो जाते हैं। शीशे के गिलास में पानी पीने का एक और फायदा यह है कि यह किसी भी मेटल की वस्तु से रिएक्ट नहीं करता है जिसके कारण वश आपका पानी प्रचुर मात्रा में स्वच्छ रहता है।
हमें कैसा पानी पीना चाहिए
केवल साफ पानी पीना ही हमारे लिए आवश्यक नहीं है, पानी में कई प्रकार के मिनरल्स व अन्य तत्व शामिल होते हैं। अतः पीने के लिए केवल पानी का साफ होना आवश्यक नहीं है बल्कि उसमें मिश्रित प्राकृतिक मिनरल व अन्य तत्व भी होने चाहिए।
आजकल प्यूरीफायर व वाटर फिल्टर की मार्केट में होड़ मची हुई है। जहां देखिए वही पर आपको साफ पानी पीने की हिदायत दी जा रही है। परंतु क्या हो जब आपको पता चले कि आप जो पानी पीते हैं वह आपके लिए हानिकारक है। जी हां आपने सही पड़ा प्यूरीफायर वॉटर फिल्टर का पानी पीना कई बार आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है। यह तुरंत आपको हानि नहीं पहुंचाते हैं परंतु ही आपको कोई फायदा भी नहीं पहुंचाते हैं। आपने गौर किया होगा जब भी आप पानी पीते हैं तो कई बार आप ऐसा पाते होंगे कि पानी पीने के बाद आपका मन नहीं भरा होगा क्योंकि इसके पीछे एक बहुत बड़ा कारण है।
हम आजकल जिस प्यूरीफायर वाटर फिल्टर का पानी पीते हैं वह पूर्ण रूप से स्वच्छ तो होता है परंतु पानी को साफ करते समय उसमें से आवश्यक मिनरल व अन्य तत्व भी पानी को साफ करते समय छन जाते हैं। जिस कारण जब हम उस पानी को पीना शुरू करते हैं तो वह पानी हमें हमारी प्यास तो बुझा दे देता है परंतु वह हमारा मन तृप्त नहीं कर पाता है। प्यूरीफायर अथवा फिल्टर का पानी आपको पीने में मीठा लगने लगता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनमें से आवश्यक मिनरल अलग हो जाते हैं जिससे पानी पीने में मीठा लगता है।
अतः यदि आप ऐसे इलाके में रहते हैं जहां पर प्रदूषण व फैक्ट्रियां लगी हुई है तब उस स्थिति में आपको फिल्टर का पानी पीना चाहिए या फिर आप किसी महानगर में रहते हो तो वहां पर भी स्वच्छ जल की बहुत बड़ी समस्या होती है क्योंकि वहां हर तरफ सीवर लाइन बिछा होता है जिस कारण धरती का पानी बहुत ही गंदा हो जाता है। अतः वैसे जगह पर भी आपको प्यूरीफायर अथवा फिल्टर का पानी पीना चाहिए।
परंतु यदि आप गांव में रहते हैं या फिर आपका घर शहर अथवा नगरीकरण से दूर है आपके घर के आस-पास यदि सीवर लाइन नहीं है तब ऐसे में आपको घर के बोरिंग का पानी ही पीना चाहिए। घर के बोरिंग वाले पानी में आपको उचित मात्रा में मिनरल व सभी आवश्यक तत्व मिलते हैं। परंतु कई बार बोरिंग वाले पानी में भी कई प्रकार के दूषित तत्व मिल जाते हैं जिससे वह पानी पीने योग्य नहीं होता है। ऐसे में आपको अपने घर के पानी का पीएच और टीडीएस टेस्ट करवा लेना चाहिए। पीएच टेस्ट करवाने से आपको अपने पानी की पीएच वैल्यू का पता लग जाता है और टीडीएस टेस्ट से आपको अपने पानी में टीडीएस मात्रा का पता चल जाता है।
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आशा है यह पोस्ट आपके लिए बहुत ही ज्ञानवर्धक साबित होगी। ऐसे ही ज्ञानवर्धक पोस्ट के लिए आप हमें सोशल मीडिया पर फॉलो कर सकते हैं या फिर हमसे खबर स्पेस के माध्यम से जुड़ सकते हैं। हम से जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
So Nice Article on When to Drink Water!