चीन में बिजली संकट केवल चीन ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व की एक समस्या बन रही है और यह एक ऐसी समस्या है जिसे हमेशा के लिए सुलझाना काफी मुश्किल कार्य है। चीन जैसे बड़े व्यापारी देशों के लिए बिजली की समस्या एक बहुत बड़ी समस्या हो सकती है जो चीन जैसे बड़े देश की अर्थव्यवस्था को बहुत तेजी से नीचे गिरा सकती है। इससे एक तरफ जहां छोटे देशों को फायदा होगा वही कई बड़ी कंपनियों को बहुत घाटा भी होगा। विश्व भर में इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों की कीमतें एक झटके में बहुत तेजी से बढ़ने लगेंगे जिससे आम लोगों पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ेगा।
चीन में बिजली संकट से दुनिया में क्या पड़ेगा असर?
चीन जैसे बड़े देश जो इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम मैन्युफैक्चरिंग के हब माने जाते हैं तो ऐसे में हमें सस्ते प्रोडक्ट्स मिलने बंद हो जाएंगे, जिससे प्रत्येक देश में जो चाइना के आइटम्स को अपने प्रोडक्ट में प्रयोग करते हैं वे सभी सामान बहुत तेजी से महंगे होने शुरू हो जाएंगे। जिससे पूरी दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम महंगे हो जाएंगे। केवल इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम ही नहीं बल्कि लोगों की छोटी से छोटी जरूरतों का सामान चीन बहुत ही सस्ते दामों पर बनाता है और ऐसे में वे सभी सामान जो आम लोगों के लिए रोजमर्रा की जिंदगी में प्रयोग होते हैं वे सभी सामान भी बहुत जल्दी बहुत अधिक महंगे हो जाएंगे, जिसका सारा बोझ आम पब्लिक पर होगा। इसके अलावा वैश्विक बाजार में खिलौनों, कपड़ों, मशीनरी पार्ट्स व अन्य कई आइटम्स की सप्लाई पर भी असर पड़ेगा।

भारत में क्या होगा इसका असर
चीन में बिजली संकट से भारत को फायदा और नुकसान दोनों हो सकता है। परंतु यहां देखना यह है कि इन दोनों में से अधिकता किसकी है? ऊपर जैसा कि आपने पढ़ा की चीन में बिजली संकट से संपूर्ण विश्व को नुकसान झेलना पड़ सकता है लेकिन इसके साथ ही भारत को नुकसान के साथ-साथ फायदा भी होगा, क्योंकि अधिक से अधिक लोग भारत में निवेश करने को लेकर उत्सुक है। ऐसे में चीन में बिजली संकट होना भारत में निवेशकों का मनोबल और भी बढ़ा रहा है। चीन जैसे देश में निवेश करने वाले लोगों का पूरा कंट्रोल चीन की सरकार के पास होता है, परंतु भारत में ऐसा नहीं है।

भारत में निवेश करने वाले लोगों का भारत सरकार काफी बढ़-चढ़कर सहायता करती है। ऐसे में नए निवेशक ज्यादा से ज्यादा भारत में निवेश करने को लेकर निश्चिंत होते दिख रहे हैं। आने वाले समय में इतनी से लेकर कृषि व मेडिकल आदि के क्षेत्र में बाहर के निवेशक निवेश करने हेतु अग्रसर दिख रहे हैं। जिस कारण भारत को भविष्य में काफी अच्छा खासा फायदा हो सकता है।
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चीन में बिजली संकट का मुख्य कारण
न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार चीन में बिजली संकट का मुख्य कारण पर्याप्त कोयला सप्लाई न मिलना है। चीन में तेजी से बढ़ती मैन्युफैक्चरिंग के कारण वहां बिजली बनाने के लिए अधिक मात्रा में कोयला उपयोग होता है। ऐसे में वहां डिमांड के हिसाब से कोयले की सप्लाई नहीं हो पा रही है, जिसका नतीजा या निकल रहा है कि चीन में कई सारे इलाकों में सरकार ने बिजली संकट की घोषणा कर दी है। चीन में बड़े-बड़े मॉल्स और कई बड़े दुकानें भी बंद हो गई है यहां तक की सरकार ने कई फैक्ट्रियों को भी बंद करने का निर्देश जारी किया है। जिस कारण चीन के लोगों को कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है।

सर्दियों में होगी भारी दिक्कत
ऐसा माना जा रहा है कि चीन में आने वाले सर्दियों में, वहां के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसका प्रमुख कारण वहां पर भयानक रूप से पढ़ने वाली ठंड है। चीन में वहां के पूर्वोत्तर इलाकों में अत्यधिक ठंड पड़ती है जिस कारण ठंडी से बचने के लिए लोग गीजर रूम हीटर व अन्य तरह के हिटिंग गैजेट्स का प्रयोग करते हैं। जिस कारण सर्दियों में अत्याधिक ऊर्जा का व्यय होता है। जिस कारण आने वाले समय में चीन को और भी बड़ी ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ सकता है।
भारत में भी बिजली संकट का खतरा
इसी के साथ यदि हम बात करें भारत की तो भारत में भी ऊर्जा की पूरी तरह से भरपाई नहीं हो पाती है। आने वाले समय में भारत सहित कई बड़े देशों में ऊर्जा की खपत काफी मात्रा में होने वाली है। जिस कारण भविष्य में भारत को भी बिजली संकट जैसे बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है। अतः भारत को इन सभी चीजों के लिए तैयार रहना चाहिए।
वर्तमान में भारत एक विकासशील देश के तौर पर जाना जाता है। अतः यहां पर आने वाले समय में कई ढेर सारी कंपनियां बसने वाली है, अतः भारत को शुरुआत में ही अपनी कमर कस लेना चाहिए ताकि आने वाले समय में हमें उर्जा जैसी बड़ी समस्या का सामना करने में परेशानी ना हो।
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