अमेरिका को पछाड़ते हुए चीन बना दुनिया का सबसे अमीर देश, और भारत?

बात करें आज की तो आज चीन अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए विश्व का सबसे अमीर देश बन चुका है। दैनिक जागरण की खबर के अनुसार चीन दुनिया का सबसे अमीर देश बन चुका है, चीन की कुल वैश्विक संपत्ति 3 गुना तक बढ़ चुकी है, जिस कारण चीन अमेरिका जैसे अमीर देशों को भी पीछे छोड़ कर आगे बढ़ चुका है। यह जानकारी के मैकिन्से एंड कंपनी के रिसर्च द्वारा सामने आई है। इस रिपोर्ट में 10 देशों की राष्ट्रीय बैलेंस शीट तैयार की गई थी जिसमें जांच करने के बाद पता चला कि इस समय चीन आय के 60% से अधिक का प्रतिनिधित्व करने वाला सबसे अमीर देश है।

मैकिन्से एंड कंपनी के द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट से हुआ खुलासा

चीन का बिजनेस एशिया से लेकर संपूर्ण विश्व में फैला हुआ है। चीन बिजनेस के मामले में इंपोर्टर और एक्सपोर्टर दोनों ही है।  सन 2000 के आसपास चीन की कुल संपत्ति 7 ट्रिलियन डॉलर थी जो कि 2020 की रिपोर्ट में पता चला कि वह बढ़कर 120 ट्रिलियन डॉलर हो चुकी है। और यही कारण है की आज चीन विश्व में सबसे अमीर देश बन चुका है। परंतु भारत भी इसी पथ पर अग्रसर है, हालांकि अभी भारत में उतनी तेजी से कार्य प्रगति पर नहीं चल रहा है, परंतु भारत भी आज के समय में एक प्रगतिशील देश के रूप में बहुत तेजी से उभर रहा है। चीन ने मात्र 20 वर्षों के अंदर ही $103 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति को बना लिया। वही हम बात करें अमेरिका के कुल संपत्ति की तो अमेरिका की संपूर्ण संपत्ति मात्र 90 ट्रिलियन डॉलर ही बड़ी है। यही कारण है कि अमेरिका इस बार चीन को नहीं हरा पाया।

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चीन शहर
चीन शहर

मैकिन्से एंड कंपनी के द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट से यह पता चलता है कि अमेरिका और चीन जैसे देशों में 2 तिहाई से अधिक धन मात्र 10% परिवारों के पास है, और उनकी संपत्ति लगातार बढ़ती चली जा रही है। उनकी संपत्तियों में लगातार वृद्धि होती चली जा रही है।

क्या है चीन की संपत्ति के बढ़ने का कारण?

चीन की बढ़ती संपत्ति का कारण एकदम साफ है, चीन में हर प्रकार का बिजनेस कर पाना बहुत आसानी से संभव है। एक रिपोर्ट के अनुसार वहां कोई भी नई कंपनी शुरू करने के लिए आपको मात्र 3 स्टेप्स को फॉलो करना होता है।

  • सबसे पहला स्टेप होता है कंपनी को रजिस्टर करना। जिसमें आप अपनी कंपनी के सभी पेपर तैयार करने के बाद सरकार से अपने बिजनेस का अप्रूवल ले लेते हैं।
  • दूसरे चरण में आपको अपनी कंपनी के लिए लैंड का अप्रूवल लेना होता है, जो कि सरकारी लोग स्वयं से ही आपको दे देते हैं।
  • तीसरा और अंतिम चरण होता है, जिसमें चीन के ऑफिशियल लोग आकर आपके कंपनी का जायजा लेते हैं कि वहां का सारा कार्य ढंग से हुआ है या नहीं..
चीन

और बस आपकी कंपनी शुरू हो जाती है और आप अपना काम करना शुरू कर देते हैं। चीन में इंपोर्ट एक्सपोर्ट करना भी काफी आसान है। चीन से आप किसी भी देश में अपना माल बहुत ही कम कीमत में एक्सपोर्ट भी कर पाते हैं। वहां पर सभी चीजें बहुत ही आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं जिससे कि कंपनियां अपने प्रोडक्ट को काफी सस्ते में और काफी तेजी से बना पाती है। चीन में स्किल्ड लेबर बहुत ही कम कीमत पर उपलब्ध होते हैं जिससे कंपनी को काफी फायदा होता है। कंपनी को किसी भी प्रकार की ट्रेनिंग व अन्य चीजों पर पैसे एवं समय खर्च करना नहीं पड़ता है।

भारत इस मामले में पीछे क्यों है?

वही बात करें भारत की तो भारत में एक कंपनी खोलना अपने आप में ही एक बहुत बड़ी चुनौती होती है।

  • भारत में कंपनी शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले सरकार से अप्रूवल लेना होता है। उसके लिए आपको अपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराना होता है। परंतु यहां पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको ऊपर से लेकर नीचे तक बहुत भागदौड़ करनी पड़ती है। 
  • यदि यहां पर आपको और आपकी कंपनी के लिए कोई फाइनेंसर मिल भी जाता है और आप रजिस्ट्रेशन करवाने में सफल भी हो जाते हैं, तो उसके बाद आपको अपनी कंपनी के लिए उचित जमीन की जरूरत होती है जहां पर आप अपने कंपनी को लगा पाए।
  • किसी प्रकार से यदि आप अपनी कंपनी को खोलने के लिए एक जगह तलाश भी लेते हैं तो उस जगह पर कंपनी बनाने के लिए अप्रूवल लेने के लिए आपको कई सप्ताह से लेकर महीनों तक का समय लग जाता है। उसके बाद भी यह गारंटी नहीं मिल पाती है की आप को आगे कोई दिक्कत नहीं होगी।
  •  इसके बाद अंततः आपको यदि रजिस्ट्रेशन एवं जगह दोनों मिल जाती है फिर उसके बाद आपको हम पर कंस्ट्रक्शन करवाने के लिए वहां के नियमों के हिसाब से रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। जिसमें काफी समय और पैसा भी बर्बाद होता है।
  •  यहां तक जाते-जाते कई लोग कंपनी खोलने का सपना छोड़ देते हैं। लेकिन कई लोग जो दृढ़ संकल्प वाले होते हैं यदि वे अपनी कंपनी को किसी भी प्रकार से खोल भी लेते हैं, तब भी उनके लिए चुनौतियां बहुत अधिक होती है।
चीन में बिजली संकट
चीन में बिजली संकट

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यहां पर सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि आपको आसानी से स्किल्ड लेबर नहीं मिलते हैं। यहां पर साधारण लेबर को ट्रेनिंग के लिए आपको भी पैसे चुकाने पड़ते हैं। लेबर की ट्रेनिंग पर आपको समय और पैसा दोनों देना पड़ता है। इसके बाद भी है गारंटी नहीं मिल पाती है कि आप जिस लेबर को ट्रेनिंग और पैसे दोनों दे रहे हैं वह आने वाले समय में आपके कंपनी में रहेगा ही रहेगा, क्योंकि अधिकतर केस में ऐसा देखा जाता है कि  लेबर स्किल्ड होते ही किसी और कंपनी को ज्वाइन कर लेते हैं। ऐसे में यहां पर व्यापार करने वालों को बहुत ही ज्यादा घाटे का सामना करना पड़ता है।

अतः यह कुछ सिंपल पॉइंट्स है जिस कारण भारत में बिजनेस करना एक बहुत ही बड़ी चुनौती हो जाती है।

चीन और अमेरिका दोनों विश्व की दो बड़ी अर्थव्यवस्था

आज तक की एक रिपोर्ट के अनुसार आज के समय में चीन और अमेरिका दोनों ही विश्व की दो बड़ी अर्थव्यवस्था है हैं। इन दोनों अर्थव्यवस्थाओं पर विश्व भर से पैसे लगाए जाते हैं यही कारण है कि अच्छी खासी फंडिंग होने के चलते यह दोनों देश काफी तेजी से विकसित हुए हैं। बाकी इन दोनों देशों के पास प्रॉपर्टी इंफ्रास्ट्रक्चर मशीनरी एंड इक्विपमेंट इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी और ढेर सारे पेटेंट भी शामिल है।

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